लो क सं घ र्ष !
लोकसंघर्ष पत्रिका
रविवार, 22 जून 2025
उभरता भारत, विषैली तकनीक वाशिंग्टन पोस्ट लिखता है
लोकतंत्र अंधकार में मर जाता है
उभरता भारत, विषैली तकनीक
वाशिंग्टन पोस्ट लिखता है
विभाजन और भड़काने की कोशिश
पहले तो व्हाट्सएप संदेशों में सड़कों के निर्माण, स्कूलों के निर्माण, गरीबों को मुफ्त भोजन वितरित करने जैसे नारे लगाए गए, जो चुनावी मौसम में सरकार की ओर से आम तौर पर दिए जाते हैं। लेकिन जैसे-जैसे मई नजदीक आता गया, संदेश और भी गहरे होते गए।
सचिन पाटिल के आईफ़ोन पर आए एक वायरल पोस्ट में 24 स्थानीय हिंदू पुरुषों के नाम सूचीबद्ध थे, जिनके बारे में कहा गया था कि उनकी हत्या मुसलमानों ने की थी। एक अन्य सामूहिक संदेश में चेतावनी दी गई थी कि हिंदू लड़कियों को मुस्लिम पुरुषों द्वारा इस्लामिक स्टेट में शामिल होने के लिए तैयार किया जा रहा है। पाटिल तक पहुंचे एक और वायरल पोस्ट में वोट देने की तत्काल अपील की गई थी: "अगर भाजपा यहाँ है, तो आपके बच्चे सुरक्षित रहेंगे। हिंदू सुरक्षित रहेंगे।"
भारत में हिंदू राष्ट्रवादियों द्वारा एक विशाल डिजिटल अभियान मोदी की पार्टी को आगे बढ़ाने के लिए मुस्लिम विरोधी बयानबाजी का उपयोग कर रहा है
दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य में चुनाव के दिन आने तक, मंगलुरु के बाहर एक शांत गांव में रहने वाले 25 वर्षीय बैंक टेलर पाटिल ने बताया कि उन्हें छह व्हाट्सऐप ग्रुप में प्रतिदिन 120 राजनीतिक संदेश मिल रहे थे। पाटिल ने कहा कि ये संदेश निश्चित रूप से एक अनुस्मारक थे कि भारत पर शासन करने वाली हिंदू राष्ट्रवादी भारतीय जनता पार्टी को वोट दें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा और उससे जुड़े हिंदू राष्ट्रवादी समूह राजनीतिक उद्देश्यों के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने में वैश्विक रूप से अग्रणी रहे हैं - अपनी विचारधारा को आगे बढ़ाने और दुनिया के सबसे बड़े चुनावी लोकतंत्र पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए।
शनिवार, 21 जून 2025
जनविरोधी और झूठी भाजपा सरकारों को हटाने के लिए विपक्षी एकता आवश्यक - डी राजा
मथुरा ।जनविरोधी और झूठी भाजपा सरकारों को हटाने के लिए वामपंथी दलों, कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी को साथ मिलकर संघर्ष करना चाहिए उक्त विचार व्यक्त करते हुए भारतीय कम्युनिस्ट कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव डी राजा ने उ प्र की कम्युनिस्ट पार्टी के 25 वेंराज्य सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि भाजपा सरकारें जन विरोधी है और जनता के हित में उन्हें हटाना आवश्यक है।
वही पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राम कृष्ण पंडा ने कहा कि
प्रदेश में योगी नही भोगी की सरकार है, मोदी के वादे के मुताबिक 22 करोड़ नौकरी देने के बजाय नौकरी छीनने का काम कर रहे हैं।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का राज्य सम्मेलन25वें दिनाँक 21,22,23 जून 2025 को किसान भवन, का. अतुल कुमार अंजान नगर, डंपियर नगर मथुरा में प्रारम्भ हो चुका है, जिसमे बाराबंकी से बृजमोहन वर्मा,प्रवीण कुमार, विनय कुमार सिंह, रामनरेश वर्मा,दीपक वर्मा शामिल हैं।
बुधवार, 18 जून 2025
इजराइल और अंधभक्त - अमरीका का भी वजूद मिट सकता है
इस बात की आशंका अब काफ़ी बढ़ गई है कि अमेरिका शायद आज रात को इजरायल के साथ मिलकर ईरान पर हमला कर दे!
जवाब में ईरान ने हॉर्मूज को बंद करने और वहां माइन्स लगाने की धमकी दी है.
रूस अभी यूक्रेन के मोर्चे पर फंसा है, इसलिए रूसी विदेश मंत्रालय का कहना है कि वह चीन के मार्फत ईरान को मदद पहुंचाएगा.
चीन के 2 कार्गो प्लेन कल तेहरान उतरे थे. वह भी हालात पर नजर बनाए हुए है.
ईरान ने कहा है कि अगर अमेरिका ने उस पर हमले की कोशिश की, तो डिएगो गार्सिया समेत उसके 52 ठिकानों से 50 हजार लाशें ताबूत में जाएंगी!
कल G7 के नॉन मेंबर देशों के प्रमुखों के चेहरे पर वैश्विक मंदी और तीसरे विश्व युद्ध की चिंता साफ दिख रही थी.
लेकिन मोदीजी बेफिक्र थे. जबरन ठहाका लगा रहे थे.
हाल यह है कि तीसरे विश्व युद्ध में अब बस, एक छोटे से ट्रिगर की देर है. वो क्या, कैसे होगा–कोई नहीं जानता.
क्योंकि अमेरिका और इजरायल दोनों का मकसद ईरान में सत्ता परिवर्तन है.
फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रॉ ने कहा है कि--
ईरान में सत्ता परिवर्तन की कोई भी कोशिश ऐतिहासिक भूल होगी.
सऊदी अरब ने भी यही बात दोहराई है.
जंग को खींचना कोई नहीं चाहता, सिवाय अमेरिका और इजरायल के.
तीसरा विश्व युद्ध भी कोई नहीं चाहता.
अब दुनिया का बचना ट्रंप के हाथ है.
ईश्वर उन्हें सद्बुद्धि दें!!
Mr Soumitra Roy
इंदौर का राजा रघुवंशी हत्याकांड पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ था। इस मामले में पता चला कि राजा रघुवंशी की हत्या उसकी पत्नी सोनम ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर की थी। इसी तरह, उत्तर प्रदेश के रामपुर से भी एक नया मामला सामने आया है, जिसमें शादी से पहले ही दूल्हे की हत्या कर दी गई है।
इंदौर का राजा रघुवंशी हत्याकांड पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ था। इस मामले में पता चला कि राजा रघुवंशी की हत्या उसकी पत्नी सोनम ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर की थी। इसी तरह, उत्तर प्रदेश के रामपुर से भी एक नया मामला सामने आया है, जिसमें शादी से पहले ही दूल्हे की हत्या कर दी गई है।
शादी से एक दिन पहले लापता हुआ निहाल, परिवार ने दर्ज कराई रिपोर्ट
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, यह मामला रामपुर के गंज थाना क्षेत्र के मोहल्ला टोला स्थित फकीरों वाला फाटक का है। जहां के रहने वाले निहाल (35 वर्ष) शादी और पार्टी के खाने का काम करते थे। 4 महीने पहले उनकी शादी धनुपुरा गांव की गुलफशा से तय हुई थी। शादी की तारीख 15 जून थी, लेकिन उससे पहले ही 14 जून को निहाल को फोन आया। फोन करने वाला युवक खुद को उसका चचेरा साला बता रहा था और उसे नए कपड़े की नाप लेने के लिए बुला रहा था। निहाल घर से निकला और बाइक पर 2 युवकों के साथ चला गया। शाम तक जब वह वापस नहीं लौटा, तो परिवार ने उसकी तलाश शुरू की। बहुत खोजबीन के बाद भी कुछ पता नहीं चला। तब परिवार ने गंज थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। साथ ही शक जताया कि गुलफशा और उसके प्रेमी इस घटना में शामिल हो सकते हैं।
पुलिस ने 2 युवकों को गिरफ्तार किया, हत्या की पुष्टि
पुलिस ने जांच शुरू की और सीसीटीवी फुटेज की मदद से दो युवक की पहचान की। ये युवक थे सद्दाम और फरमान। पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर पूछताछ की तो दोनों ने माना कि उन्होंने निहाल की हत्या की है। उनके अनुसार, निहाल को अपहरण कर उसकी हत्या की गई थी। सोमवार को सुबह, आरोपियों की निशानदेही पर जंगल में निहाल का शव मिला। शव रतनपुरा जंगल में मक्के के खेत में छिपाया गया था।
गुलफशा और प्रेमी फरार, एसपी ने जल्द गिरफ्तारी का दिया आश्वासन
पुलिस ने निहाल के भाई नायाब शाह की रिपोर्ट पर गुलफशा, सद्दाम, फरमान, और अनीस के खिलाफ हत्या और अपहरण का मामला दर्ज किया है। अभी गुलफशा और अनीस फरार हैं, जबकि सद्दाम और फरमान को गिरफ्तार कर लिया गया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, गुलफशा का सद्दाम से करीब 1 साल से प्रेम संबंध था। जब उसकी शादी तय हो गई, तो सद्दाम बहुत नाराज हो गया था। वह अक्सर गुलफशा के घर जाकर विवाद भी कर चुका था। एसपी विद्यासागर मिश्र ने कहा है कि गुलफशा से पूछताछ की जा रही है और जल्द ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह पूरा मामला बहुत ही गंभीर है और पुलिस जांच कर रही है।
मंगलवार, 17 जून 2025
फटी पैंट शैतान की - मोसाद का हेडक्वार्टर जल रहा है
ईरान को हल्के में ले रहे थे ट्रंप और नेतन्याहू, मोसाद के हेडक्वार्टर पर ही दाग दी मिसाइल, ऐसे आयरन डोम को दिया चकमा
ईरान ने तेल अवीव के गिलिलोट में स्थित इजरायली मोसाद खुफिया इमारत को निशाना बनाकर बैलिस्टिक मिसाइल हमला किया है। रिपोर्टों के अनुसार, मोसाद मुख्यालय पर कम से कम एक ईरानी मिसाइल से हमला किया गया, जिससे दोनों देशों के बीच चल रही शत्रुता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 17 जून को आईडीएफ ने ईरान से इजरायल पर बैलिस्टिक मिसाइलों की बौछार देखी। सायरन बजने लगे और आने वाली मिसाइलों को रोकने के लिए हवाई सुरक्षा सक्रिय कर दी गई। उत्तरी से दक्षिणी इजरायल तक, इजरायल के बड़े हिस्से में सायरन बजने लगे।
इजरायली अधिकारियों के अनुसार, 17 जून को ईरान द्वारा मध्य इजरायल पर कम से कम 20 बैलिस्टिक मिसाइल दागे जाने के दौरान, तेल अवीव के ठीक उत्तर में रमत हशरोन में मोसाद की एक इमारत के पास कई विस्फोट देखे गए। सोशल मीडिया पर प्रसारित फुटेज में मोसाद इमारत के ठीक पूर्व में सड़क के दोनों ओर दो बड़े विस्फोट दिखाई दे रहे हैं। खुफिया सेवा की इमारत के उत्तर में स्थित स्थानों से धुएं के गुबार उठते देखे जा सकते हैं। फुटेज से यह स्पष्ट नहीं होता है कि हमले में मोसाद की इमारत को निशाना बनाया गया था या नहीं। लेकिन रमत हशरोन में उन्हीं स्थानों से धुआं उठता हुआ दिखाई दे रहा है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मिसाइल हमलों में मोसाद का मुख्यालय और यूनिट 8200 के कुछ गुप्त बैकअप ठिकानों को भी तबाह कर दिया गया। यूनिट 8200 इजरायल की इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और खुफिया इकाई है जो साइबर युद्ध और डेटा इंटेलिजेंस में विशेषज्ञ मानी जाती है। इजरायली रक्षा प्रतिष्ठान की ओर से इन हमलों को बस स्टैंड या पार्किंग क्षेत्र को हुए नुकसान के रूप में पेश किया जा रहा है।
सोमवार, 16 जून 2025
गर्मी, लू, युद्ध, अस्तित्व पर संकट और इस महान देश में अंड भक्तों का नाच ! __________
गर्मी, लू, युद्ध, अस्तित्व पर संकट और इस महान देश में अंड भक्तों का नाच !
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पिछले कुछ दिन मैं भीषण गर्मी से परेशान रहा. ऊपर के मेरे कमरे में गर्मी और विकराल रूप ले लेती है, नतीजा लू लग गया. नीचे के कमरे में शिफ्ट हो गया. अब जाकर रिकवर कर पाया.
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हाँ तो इस बीच इजराइल और ईरान में सैन्य झड़प शुरू हो गयी. हमने इस झड़प और इससे पहले भारत पाकिस्तान के झड़प में देखा कि मिलिट्री mobilisation नहीं हुआ और यहाँ भी नहीं हो रहा. जितने दिन भारत पाकिस्तान लड़ते रहे, हमने देखा ड्रोन्स का सहारा लेकर लड़े और बीच बीच में एयर स्ट्राइक. दोनों की सीमायें मिलती हैं इसलिए.
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पर ईरान और इजराइल के बीच 2400 किमी की दूरी है तो ऐसे में समुद्र में खड़े विमान वाहक पोत से एयर स्ट्राइक ईरान पर कर सकता है और साथ ही पनडुब्बी से मिसाइल हमले. बैलिस्टिक मिसाइल तो खैर अब पूरा महादेश लांघ सकते हैं. पूरी धरती भी.
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इजराइल लगभग दो साल से ग़ज़ा में सैन्य कार्यवाही कर रहा है जो जघन्य, निंदनीय, मानवता के खिलाफ, एक शब्द में जेनोसाइड कहा जायेगा. दुनिया खामोश थी. ग़ज़ा में अब तक 50000 से अधिक लोग मारे गए हैं. ऐसा कोई परिवार नहीं जिसने अपना सगा नहीं खोया. पीने को पानी नहीं, खाने को भोजन नहीं, सर पर छत नहीं, इज़्ज़त से जीने को रोज़गार नहीं. इस हमले पर इस देश के भी अंड भक्त लहालोट हो रहे थे, हो रहे हैं. ये कोई अलग ट्राइब नहीं है, ये पिछले दस सालों में बेहद मुखर हुई प्रजाति है, और ये लोग अजनबी नहीं. ये हमारे दोस्त हैं, रिश्तेदार हैं. जो अपनी घृणा और मानव सभ्यता और संस्कृति को लेकर नासमझी में अर्ध मानव हो गए हैं. हम इनसे बहस नहीं करते. ये बहस के लायक नहीं।
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तो इस बार इजराइल ने आगे बढ़कर ईरान पर हमला कर दिया. फिर जो हुआ उसके लिए इजराइल तैयार नहीं था. उसे उम्मीद ही नहीं थी कि ईरान कोई एक्शन भी लेगा. पर उसकी उम्मीद के विपरीत ईरान ने ईंट का जवाब पत्थर से देना शुरू किया. जिस इजराइल को आदत थी विद्रोही गुटों के छिटपुट हमलों की, वहां मिसाइल गिरने लगे. आसमानी आग के गोले. फिर तो इजराइल का प्रधानमंत्री देश छोड़कर भागता नज़र आया. वैसे भी इजराइल को आदत है कि थोड़ी सी गर्दन मुसीबत में फंसे, तुरंत पापा को याद करो. और ये पापा का इतना लाडला है कि वो पापा के जहाज़ी बड़े पर हमला कर सकता है, वो पापा के व्यवसायिक हितों को चोट पहुंचा सकता है और पापा को बताएगा कि देखो ये काम ईरान का है. और पापा कहेगा, हाँ.
फिर ब्रिटैन कहेगा हाँ, थोड़ा रुकिएगा तो फ्रांस कहेगा हाँ. फिर जर्मनी फिर कनाडा फिर और आगे.
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और अरब राष्ट्र क्या करेंगे? अरब राष्ट्रों को कमजोर ना समझिये. उन्होंने अमेरिका की एक तिहाई सम्पति खरीद रखी है. आप समझते हैं अमेरिका अरब राष्ट्रों को चला रहा है पर अमेरिका एक भिखमंगा है जो अरब राष्ट्रों, चीन रूस सबकी संपत्ति से चल रहा है. न्यूयोर्क में सिर्फ वहां की बिल्डिंग्स के मालिकों के नाम की लिस्ट देखिएगा, तो एक तिहाई पर अरब के शेखों के नाम लिखे मिलेंगे. अब ऐसे में दो बातें हो सकती हैं, अपनी हैसियत का धौंस अरब देश भी दिखाएँ और अमेरिका को घुटने पर लाएं,
पर उन्हें डर है कि अगर ऐसा करेंगे तो वो जो अरबों खरबों डॉलर की प्रॉपर्टी अमेरिका में खरीद रखी है उसे एनिमी प्रॉपर्टी घोषित करके एक झटके में अमेरिका ज़ब्त न कर ले.
तो ये अरब राष्ट्र जो हर साल अमरीका, फ़्रांस, ब्रिटैन जैसी सम्रज्य्वादी ताकतों के हथियार- विमान, टैंक, गोले, गन्स, खरीदकर खरबों डॉलर्स का अनुदान देते हैं और इनके आर्म्स इंडस्ट्री को खड़ा रखते हैं. फिर उन आर्म्स इंडस्ट्री के मालिक ऐश करते हैं और उन फैक्ट्रीज में काम करने वाले अमेरिकियों के घर चूल्हे जलते हैं. एक वक़्त की रोटी तोड़ते हैं और इसा मशीह से पहले अल्लाह को याद करते हैं.
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तो ये अरब राष्ट्र एक जुट होने के बजाय देखते हैं हमारी चमड़ी बची है तो जाने दो ईरान को भाड़ में.और इजराइल और उसका पापा और उसके चाचा, फूफा क्या करते हैं, वे अपने आप को डेमोक्रेसी, प्रगतिशीलता, तरक्की, अमन पसंदी, आधुनिक विचार, फ़्लान फलां के पैयम्बर मानते हुए उन तमाम राष्ट्रों को एक्सिस ऑफ़ ईविल घोषित करते हैं जो उनके सामने घुटने नहीं टेक ता और 56 इंची का सीना और रीढ़ की हड्डी रखता है.
ईरान वही देश है और जाहिर है वो इन देवदूतों के निशाने पर है.
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ये सब महीन बातें इस देश में अंड भक्तों को समझ नहीं आतीं. उनकी बुद्धि मोटी है. चीन के नाम से उनका पैंट गीला होता है ये तो पता ही है. पाकिस्तान पाकिस्तान करके देश को आज पाकिस्तान से भी नीचे ले आये.
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तो ये जो युद्ध चल पड़ा है, इसमें ईरान ने तीखा और माकूल जवाब दिया है. मिडिल ईस्ट में ईरान का मिसाइल डेवेलपमेंट प्रोग्राम सबसे विशाल है ये सब जानते हैं. हज़ारों की संख्या में उसके पास मिसाइल हैं. और एक्सपर्ट्स का मानना है कि ईरान ने अभी अपने जिन मिसाइल्स से इजराइल के डिफेन्स सिस्टम की कमियों को उजागर किया है, वे दरअसल पुराने मिसाइल हैं. अभी तो उसके पास मारक बैलिस्टिक मिसाइल्स का जखीरा है. और इन मिसाइल की मदद से वे कुछ सप्ताह युद्ध को खींच सकता है.
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पर मामला इतना ही नहीं है. सच यह है कि अगर लड़ाई लम्बी खींचेगी तो ईरान का पलड़ा हल्का होता जाएगा. एक तो वो अलग थलग है, दशकों से उसने अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में निर्वासन की स्थिति झेली है और साथ ही इकनोमिक सैंक्शंस भी. आपको याद होगा अमेरिकी दबाव के चलते भारत ईरान के साथ गैस पाइपलाइन के प्रोजेक्ट पर काम नहीं कर सका. अपने आप को अलग कर लिया. नुक्सान भारत और ईरान दोनों का हुआ.
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दूसरे, ईरान का पापुलेशन इजराइल से कई गुना ज्यादा जरूर है पर अब तो ट्रेडिशनल वारफेयर है नहीं कि अधिक से अधिक युवा देश की रक्षा के नाम पर आगे आएंगे. युद्ध का रूप बदल चूका है. युद्ध अब शुद्ध टेक्नोलॉजी और धन से लड़ा जा रहा है. इस मामले में इजराइल का पलड़ा भारी है. वो बहुत आसानी से पापा और उसके दोस्तों से जितनी मर्ज़ी हथियार और आर्थिक संसाधन मांग सकता है. उसके पास ईरान को घेरे अरब राष्ट्र के मिलिट्री बेस, एयर स्पेस के इस्तेमाल की छूट है. ईरान को घेरे समुद्रों में खड़े अमेरिकी विमान वाहक पोत, पनडुब्बी के इस्तेमाल की सुविधा, पापा का ब्लेंक चेक को भुनाने की सुविधा. ईरान इतनी आसानी से आर्म्स नहीं मंगवा सकता. चीन, रूस समर्थन में हैं, पर आर्म्स समय पर हासिल कर पाना युद्ध के आगे बढ़ते जाने की स्थिति में मुश्किल होता जाएगा- ये तय है.
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ऐसे में युद्ध कुछेक सप्ताह चल सकता है और एक चीज इजराइल और उसके समर्थक राष्ट्रों को परेशां किये रहेगी, वो है ईरान के परमाणु बम से लैस बैलिस्टिक मिसाइल.
एक भी ऐसा मिसाइल ईरान ने चला दिया तो इजराइल का नामोनिशान इस धरती से मिट जाएगा. छोटा सा देश है, एक ही बम काफी होगा.
हालाँकि इसके बाद जाहिर है ईरान पर भी परमाणु हमले होंगे. और ईरान की भी वही स्थिति होगी.
ईरान भी बहुत बड़ा नहीं। एक पश्चिमी विक्षोभ की हवा पच्छम से बहेगी और सारा नुक्लेअर रेडिएशन पूरब में पसर जाएगा.
और अगर ऐसा हुआ तो इसका असर अफगानिस्तान, पाकिस्तान, भारत सब पर पड़ेगा. लंगड़ी लूली प्रजातियां पैदा होती रहेंगी. इसमें अंड़भक्त भी शामिल रहेंगे. वे भी तो कोई दूसरी दुनिया से आये नहीं हैं.
मिडिल ईस्ट तबाह होगा, इधर एशिया के ये देश तबाह होंगे. बचेगा कौन? हमेशा की तरह हथियारों के सौदागर.
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इजराइल इस खतरे को समझता है इसलिए वो बार बार ईरान के नुक्लिएर साइट्स पर हमले करता है और ईरान भी इस बात को समझता है कि इस कठिन दुनिया में सर्वाइवल के लिए आणविक हथियार तुरुप का इक्का है. इसलिए इसे बनाये रखना है और जितनी तेजी से संभव हो, एक stockpile तैयार रखना है.
नहीं तो परम्परागत युद्ध में तो ये हमारा नामोनिशान मिटा देंगे.
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अब देखते जाईये आगे आगे होता है क्या !
-बालेन्दु शेखर मंगलमूर्ति
यह भयानक कृत्य नपुंसक दुनिया की आंखों के सामने हो रहा है
मार्च 2015 से इजरायल की हत्यारी सरकार ने गाजा में भोजन, पानी और दवाइयों के प्रवेश को रोक दिया है, लेकिन दुनिया सिर्फ मूकदर्शक बनी हुई है।
ऐसी स्थिति की कल्पना करना कठिन है, लेकिन यह भयानक कृत्य नपुंसक दुनिया की आंखों के सामने हो रहा है।
इज़रायल के क्रूर शासकों की ऐसी क्रूरता के सामने दुनिया कैसे खुद को माफ़ कर सकती है? आने वाली पीढ़ियाँ दुनिया के मौजूदा शासकों को कभी माफ़ नहीं करेंगी।
आने वाली पीढ़ियाँ पूछेंगी कि इस हद तक क्रूर कृत्यों के सामने दुनिया कैसे निष्क्रिय रह सकती है। ऐसा लगता है कि दुनिया भावनाहीन है। गाजा में यह भयावह स्थिति दुनिया को परेशान करती रहेगी।
दान-संस्थाओं द्वारा वितरित भोजन का थोड़ा-सा हिस्सा पाने के लिए रोते-बिलखते बच्चों के दृश्य हृदय को पीड़ा पहुंचाते हैं। ये दृश्य मानवता को कलंकित करने वाले हैं।
ये हृदय विदारक दृश्य, जिनमें से कुछ को कैमरों में कैद भी किया गया है, वर्तमान और भावी पीढ़ियों की स्मृति से मिट नहीं पाएंगे।
इसके अतिरिक्त, वे अंतहीन दृश्य जिनमें माताएं और पिता अपने क्षत-विक्षत बच्चों की लाशों पर विलाप कर रहे हैं, मानव चेतना को हमेशा परेशान करते रहेंगे।
आने वाली पीढ़ियाँ पूछेंगी कि इज़रायल के बेरहम शासकों के समूह द्वारा लगातार की जा रही क्रूरता को रोकने में दुनिया इतनी असमर्थ क्यों थी। वे पूछते रहेंगे: क्या दुनिया के पास उन्हें रोकने का कोई साधन नहीं था?
अविश्वसनीय रूप से, भावी पीढ़ियां यह भी देखेंगी कि गाजा में मानवीय त्रासदी के खिलाफ आवाज उठाने वाले विश्वविद्यालय के छात्रों पर यहूदी-विरोधी और फिलीस्तीनी समर्थक होने का आरोप लगाया गया, उनके विश्वविद्यालयों का बजट कम कर दिया गया, तथा विरोध करने वाले नेताओं को विश्वविद्यालयों से निष्कासित कर दिया गया।
गाजा त्रासदी मुसलमानों और यहूदियों के बीच संघर्ष का मामला नहीं है, क्योंकि यहूदियों का एक बड़ा हिस्सा इन क्रूर कृत्यों के खिलाफ है। गाजा अब मानवीय त्रासदी का प्रतीक बन गया है।
केवल एक अपराधी शासक या शासक ही इतनी बड़ी संख्या में असहाय लोगों के खिलाफ इतनी बर्बरता कर सकते हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि ये कृत्य नेतन्याहू द्वारा आदेशित किए गए हैं, जो यहूदी होने का दावा करते हैं, या पश्चिम में ईसाई सहयोगी जो इजरायल को अत्यधिक परिष्कृत, घातक हथियार आपूर्ति करते हैं।
दुनिया को इस बात पर शर्म आनी चाहिए कि वह ऐसे भयानक कृत्यों को प्रभावी ढंग से रोकने और बीबी नेतन्याहू जैसे क्रूर अपराधी नेताओं और अन्य सह-अपराधियों को दंडित करने के लिए कोई तंत्र स्थापित करने में विफल रही है। पश्चिमी दुनिया को मानवाधिकारों, मानवीय गरिमा, सशस्त्र संघर्षों से नागरिकों की सुरक्षा आदि के बारे में बात करना भी बंद कर देना चाहिए।
गजेंद्र प्रियांशु को बधाई उनकी सुप्रसिद्ध कविता 'भीष्म की व्यथा' अब महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर स्थित डॉ. बाबा साहेब आंबेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय में स्नातक द्वितीय वर्ष में पढ़ाई जाएगी.
गजेंद्र प्रियांशु को बधाई
उनकी सुप्रसिद्ध कविता 'भीष्म की व्यथा' अब महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर स्थित डॉ. बाबा साहेब आंबेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय में स्नातक द्वितीय वर्ष में पढ़ाई जाएगी.
'भीष्म की व्यथा'-
शरशैय्या पर लगे पूछने भीष्म पितामह
कहो युधिष्ठिर इंद्रप्रस्थ कैसा लगता है।
कहो युधिष्ठिर
पतझर सा सूना सूना लगता है उपवन,
या फिर गीत सुनाती हैं अलमस्त हवाएं,
छमछम नूपुर बजते रहते राजभवन में
या फिर करती हैं विलाप व्याकुल विधवाएं.
कहो युधिष्ठिर कौरव कुल के लाल रक्त से,
धुला हुआ यह राजवस्त्र कैसा लगता है?
कहो युधिष्ठिर
धर्म युद्ध है धर्मराज यह कहकर तुमने,
कौरव के समान ही की है भागीदारी,
धर्मयुद्ध था या अधर्म यह ईश्वर जाने,
पर समानतम थी दोनों की हिस्सेदारी.
कहो युधिष्ठिर धर्म युद्ध या केवल हठ में,
मानवता हो गयी ध्वस्त कैसा लगता है?
कहो युधिष्ठिर
गली गली में लाखों प्रश्न खड़े हैं लेकिन,
प्रश्न सभी यदि युद्धों से ही हल हो जाते,
तो राधा के नयन प्रलय के आंसू लाते,
और सुदामा के तंदुल असफल हो जाते,
कहो युधिष्ठिर यह कैसा है धर्म जगत का ,
जीवन ही हो रहा नष्ट कैसा लगता है.
कहो युधिष्ठिर
धर्मराज धर्मावतार सत्पथ अनुगामी,
तुमसे बढ़कर कौन जानता मर्म हमारा,
धर्म अगर संकट बन जाए राष्ट्रधर्म पर,
तो अधर्म के साथ रहूं था धर्म हमारा.
कहो युधिष्ठिर क्या था मेरा धर्म कि जिससे
जीवन भर मैं रहा त्रस्त कैसा लगता है?
कहो युधिष्ठिर....
क्या अब कर्ण नहीं बहते हैं गंगाजल में,
क्या निश्चिन्त हो गयी जग में कुन्ती मायें,
सर्वनाश हो गए कहो कुल दुशासनों के,
या लुटती रहती हैं अब भी द्रुपद सुताएँ.
कहो युधिष्ठिर भोर हो गयी क्या भारत में,
या सूरज हो रहा अस्त कैसा लगता है?
कहो युधिष्ठिर
रविवार, 15 जून 2025
इजराइल के चमचे हाय हाय शुरू हो गया है
इजराइल की दादागिरी ईरान निकाल रहा है वैसे वैसे ट्रम्प की भी हवा निकल रही है स्थिति यह बन रही है कि कहीं इस युद्ध के बाद अंधों में काना राजा अमरीका की अर्थव्यवस्था व्यवस्था नष्ट होने के कगार पर पहुंच सकती है।
आज अभी प्राप्त जानकारी के अनुसार ईरान ने इजरायल को एआई, ड्रोन, रोबोटिक्स और मिसाइल टेक्नोलॉजी देने वाले संस्थान को कल ईरानी मिसाइलों ने तबाह कर दिया।
वहीं, ऊंची बिल्डिंगों की छत पर रखे एयर डिफेंस सिस्टम्स को बिल्डिंग के साथ ही उड़ा दिया गया है।
यह कहाँ के युद्ध मैदान से भाग रहा है
खाकी चड्डी,हाथ में लाठी,सिर पर टोपी काली...
मूंह में राम और बगल में छुरी लेकर घूमे मवाली...
मानवता को चले रोकने....
शनिवार, 14 जून 2025
हारेगा इजराइल - जीतेगा एशिया
इसराइल एक फितना है, तथा खल राष्ट्र है , जो लड़ाई, भिड़ाई और दूसरों को सताने के सिवा कोई काम नहीं करता.
यह पश्चिम एशिया में अमेरिका का शैतानी अवतार है.
ईरान हम सभी एशिया वासियों के लिए संस्कृति और संगीत की धरोहर है.
वह आदि काल से ही समस्त एशिया वासियों को अपनी धन और बौद्धिक सम्पदा का दान देता रहा है.
समस्त एशिया उसके पक्ष में एकजुट हो.
भारत वासियों का दायित्व है कि वह अपने देश में इसराइल जैसी आक्रमण कारी मानसिकता रखने, तथा उसे अपना आदर्श मानने वाले व्यक्ति एवं संगठनों का सत्यानाश करें.
ईरान हारेगा, तो एशिया हारेगा.
राग यमन कल्याण के आविष्कारक तथा प्रदाता देश की जय हो, विजय हो.
-राजीव नयन बहुगुणा
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